आज समाज में बदलाव ऒर पुरानी कुरुतियों को मिटाने में हमारे बुजुर्ग की भागीदारी बहुत बड़ी है .लेकिन आज की नवी पेठी बातें बड़ी बड़ी करती है .सारा खोखला दिमाग face book ऒर whaats aapपर दिन भर समाज सुधार की बड़ी बड़ी हांके मारती है .लेकिन हकीकत देखें तो समाज क़ा सारा खेल बिगाड़ने में बहुत बड़ी युवा पीढ़ी ही जिमेदार है ..शर्म की बात जब आती है की बुजुर्गों के बताये हुये रास्ते को सही से पालन नहीं करते है
..उनके बताये सही रास्ते को गलत साबित करने में पूरा जोर लगा देते है ...दिल से झूठे सही पर दुनिया के सामने सही को गलत करने में जी तोड़ मेहनत करते है ..एक उदारण देता हूँ महान समाज ने कई चीजों पर प्रतिबंध लगाये .जैसे शादी में शराब पीकर बारत में नहीं आना ..फोटो स्टूडियो का इस्तेमाल नहीं करना. बेन बेटी बारात में अकेली बिना काम से रात में बाहर फालतू नहीं घूमना ओर समाजिक प्रोग्राम में अपनी समाज की ड्रेस में ही आये .ये सब कौन मानता है ...कसूर अपना है उन महानुभावों की वजह से कुछ तो समाज में बसा है .. अभी भी वक्त है.बदल गये तो सात पीढियों को कुछ तो जरूर भला कर पायोँगे ....